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भारत में कंपनियाँ बंद: देश से पिछले 5 साल में एक लाख से भी ज्यादा थोक व्यापारी कम हो गए हैं। इनमें से ज्यादातर कंपनियों ने कंपनी के लॉ के तहत खुद को सरेंडर किया गया है। केंद्र सरकार के मुताबिक, इस बीच कई कंपनियों में दिवालियापन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने यह जानकारी दी। इस

1168 दिवालियापन हो गया

केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने बताया कि पिछले पांच पूर्वी राज्यों 1168 में दिवालियापन हो गया था। इनमें से 633 को रद्द घोषित कर दिया गया है बाकी मामलों को प्रक्रिया में जारी किया गया है। बिजनेस बंद होने में ज्यादातर मामलों में 6 से 8 महीने लगे और कुछ में यह समय 12 से 18 महीने तक पहुंच गया। राव इंद्रजीत सिंह के मुताबिक, कंपनी बनाने और खत्म करने की प्रक्रिया में तेजी से काम करने के सभी प्रयास जारी हैं। हम इस प्रक्रिया को और आसान बनाते हैं।

5 साल में 7946 विदेशी भारत आये

वित्त मंत्रालय के प्रबंध निदेशक ने एक उत्तर में बताया कि पिछले पांच साल में 7946 विदेशी कंपनी ने भारत में अपनी सहायक कंपनी स्थापित की है। इससे स्पष्ट होता है कि भारत में व्यापार के अवसर बढ़े हैं और विदेशी निवेशक देशों में निवेश के लिए उत्सुक हैं।

कोविड-19 के बाद बढ़ा था पात्र

कोविड-19 के बाद संपूर्ण विश्व मंदी की चपेट में आई थी। इस महामारी से अरबों रुपये का नुकसान हुआ। यह उन्हें अपने दरवाजे बंद करने पड़े थे। सरकारी मामलों के मंत्रालय ने 2021 में बताया था कि अप्रैल, 2020 से जून, 2021 के दौरान कुल 16,527 कंपनियों को बंद कर दिया गया। सबसे बड़ा थोक व्यापारी तमिल में बंद हुआ था। इसका असर हर राज्य में काम कर रही कंपनियों पर दिखाई दिया। साथ ही में चल रही 19 सरकारी कंपनियों को भी बंद कर दिया गया था।

कब हटाये जाते हैं बिजनेस

अन्यथा के अनुसार, कंपनी को दिवालिया घोषित न करने की वजह से सरकार के रिकॉर्ड से हटा दिया गया है। अगर कोई कंपनी 2 साल तक व्यापार नहीं करती और एक बार भी कारोबार शुरू नहीं करती और अप्लाई नहीं करती तो बिजनेस बंद कर दिया जाता है।

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