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डोम्स इंडस्ट्रीज आईपीओ: डॉम्स इंडस्ट्रीज की आई कंपनियों ने एक साल पहले ही ग्रे मार्केट में तहलका की धूम मचाई थी। पिछले 2 दिनों में इसकी कीमत 80 फीसदी से ज्यादा बढ़ी है. इसके साथ ही स्टेशनरी कलाकृतियाँ और उत्पाद बनाने वाली कंपनी के आई सिपालों की सफलता के चांस बहुत बढ़ गए हैं। ग्रे मार्केट के ट्रेंड को देखते हुए उम्मीद जताई जा रही है कि निवेशक इस पर पैसा लुटाने को बेताब बैठे हैं। ग्रे मार्केट में 4 दिसंबर को जहां इसकी कीमत 200 रुपये चल रही थी, वहीं अब 6 दिसंबर को इसकी कीमत 360 रुपये हो गई है।
क्या होता है ग्रे मार्केट
ग्रे मार्केट एक तरह का अनाधिकृत इकोसिस्टम है। यहां पर निवेश डे से पहले ही गैर आधिकारिक तौर पर ट्रेडिंग होने लगी है। ज्यादातर इनवेस्टर ग्रे मार्केट में चल रही ट्रेडिंग पर नज़र रहती है। यह अनुमान लगाया गया है कि आईएसआई को लेकर बाजार का उत्साह बढ़ता है। यहां अधिकांशतः बोली जाने वाली सामग्रियां और चप्पलों को सफलता मिलने के चांसों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।
खंड की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है डॉम्स
देश की दूसरी सबसे बड़ी पेंसिल और स्टेशनरी आइटम बनाने वाली कंपनी डॉम्स इंडस्ट्रीज (DOMS इंडस्ट्रीज़) का 13 दिसंबर को ओपनगा और 15 दिसंबर को बंद हो जाएगा। इस आई एंटरप्राइजेज से कंपनी ने 1200 करोड़ रुपए की बिक्री की, जिसे उन्होंने अपने नए प्लांट में लगाने में खर्च किया। प्लांट के लिए कंपनी जमीन की खरीद-फरोख्त करती है।
मुनाफ़ा में चल रही है कंपनी
चालू वित्त वर्ष की पहली पाइपलाइन में डॉम्स का रेवेन्यू 761.8 करोड़ रुपये है। इस अवधि में कंपनी ने 70.63 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है। पिछले वित्त वर्ष 2022 में कंपनी का राजस्व 683.6 करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 23 के अंत तक तेजी से बढ़कर 1212 करोड़ रुपये हो गया था। कंपनी का शुद्ध लाभ 96 करोड़ रुपये था। डोम्स इंडस्ट्रीज टी+3 टाइमलाइन में शेयर बाजार में आई बैटरी वाली पहली कंपनी होगी। ड्रम्स इंडस्ट्रीज में नॉर्थ ईस्ट और इटली की कंपनी फिला की कीमत 800 करोड़ रुपये है। साथ ही कंपनी के भारतीय प्रमोटर भी अपनी दुकान 400 करोड़ रुपये में बेचेंगे। आई डिपो के बाद भी कंपनी में फिला सहित सभी प्रोमोटरों की दुकान 75 प्रतिशत रहेगी।
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