[ad_1]
भारत की सबसे बड़ी स्टॉकहोम ऑटोमोबाइल कंपनी अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल आर्किटेक्चरल जोन का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स का हिस्सा बनने वाली कंपनी लगातार नए बंदरगाहों पर काम कर रही है। केरल और श्रीलंका में पहले से नए बंदरगाहों पर काम चल रहा है। अब अदानी ग्रुप की कंपनी ओडिशा में एक पोर्ट शेयर की तैयारी में है।
शापूरजी प्लोजी से चल रही बात
मिंट की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी पोर्ट्स ओडिशा के गोपालपुर पोर्ट से काफी करीब है। इसके लिए अडानी ग्रुप की शापूरजी प्लॉनजी ग्रुप के साथ बातचीत चल रही है, जो एडवांस स्टेज में है। अडानी ग्रुप का यह डील 1,100-1,200 करोड़ रुपए का प्राइवेट लिमिटेड हो सकता है।
अडानी ग्रुप के लिए पोर्ट का महत्व
ओडिशा का गोपालपुर पोर्ट प्रमुख से अहम है। यह भारत के पूर्वी तट पर एक अहम बंदरगाह स्थित है। पश्चिमी तट पर पहले से अडानी ग्रुप मजबूत स्थिति में है। अगर यह डील हो जाती है तो पूर्वी तट पर अडानी के पास 6 बहुदेशीय बंदरगाह हो जाएगा। पूर्वी तट पर पहले से मौजूद 5 पोर्ट के साथ अडानी ग्रुप की क्षमता करीब 247 मिलियन टन है।
इसका कारण गोपालपुर पोर्ट है
ओडिशा के इस अहम गोपालपुर पोर्ट में अभी शापूरजी प्लोजी ग्रुप के पास बहुलांश सोलोमन है। शापूरजी प्लोजी ग्रुप की कंपनी स्पाइस पोर्ट्स मेंटनेंस के पास इस बंदरगाह में 56 प्रतिशत हिस्सेदारी है। शेष बची ओरिसा स्टीवडोर्स के पास है। यह पोर्ट वर्ष 2015 से कार्यान्वित है। यह पारादीप पोर्ट और फ़ांसीग पोर्ट के बीच बंगाल की खाड़ी में स्थित है। स्टील इंडस्ट्री के लिए इस पोर्ट की खास संरचना है। गोपालपुर पोर्ट का महत्वपूर्ण योगदान सबसे ज्यादा है। यह एनच-516 के माध्यम से स्वर्ण चतुर्भुज परियोजना का दौरा हुआ है। पोर्ट के साथ रेल मॉडल का भी फ़ायदा है।
दिल पर इस बात का संकट
हालाँकि अडानी समूह के यह सौदे संकट के बादल भी पैदा कर रहे हैं और सबसे बड़ा संकट कम वैल्यूएशन का कारण है। रिपोर्ट में बताया गया है कि इससे पहले जेएसडब्ल्यू इंफ्रा पोर्ट के लिए मिस्त्री परिवार से बातचीत कर रही थी। जेएसी इंफ्रा ने पोर्ट की इंटरनैशनल वैल्यूएशन करीब 3000 करोड़ रुपये की थी, जो अडानी पोर्ट्स के पास रखी गई वैल्यूएशन से काफी ज्यादा है।
ये भी पढ़ें: साल भर में वापसी आई बहार, अदानी के स्टॉक से जूम लिफ्ट मार्केट, नेटवर्थ फिर से 85 बोलियों के पार
[ad_2]