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संकट में एडटेक कंपनियाँ: एडटेक के एसोसिएट्स दिन आ गए हैं। अभी हाल ही में सभी ने बायजू (Byju’s) को ग्रेग देखा। कंपनी का कहना है कि वह अपने कर्मचारियों को वेतन तक नहीं दे पा रही है। इसके बाद कंपनी के संस्थापक और सीईओ बायजून (बायजू रवींद्रन) ने अपने घर में काम करने वाले लोगों की हिस्सेदारी बांटी थी। आज हम आपको एक ऐसी एडटेक कंपनी (EdTech कंपनी) के बारे में बताना चाहते हैं, जिसे कभी बायजू ने ही 11 हजार करोड़ रुपये में खरीदा था। मगर, वह डिलिवर नहीं पाई और अब यह एडटेक फिल्म डाउटनट (डाउटनट) सिर्फ 83 करोड़ रुपये में बिकी है।
COVID-19 के लॉकडाउन में तेजी से हुआ था फ़ायदा
कोविड-19 के कारण इन बैंकों में तेजी से बढ़ोतरी हुई, कोरोना काल खत्म हो गया और इसमें तेजी से बढ़ोतरी हुई। इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा बायजू की आर्थिक स्थिति की हो रही है। कभी इस कंपनी की कीमत 22 अरब डॉलर थी। अब यह सिर्फ 3 विदेशी डॉलर पर आ गया है. कंपनी तरह-तरह के कोर्ट केस में फंस गई है। साथ ही अपने एक अमेरिकी डिजिटल शोरूम को बेचने का जुगाड़ लगा लिया है।
तीन साल में 10 हजार करोड़ रुपए गिर गए
इससे भी बुरा हुआ इस डाउटनट का। इस मूर्ति की कीमत तीन साल में लगभग 10 हजार करोड़ रुपये गिर गई। इसे एलन इंस्टीट्यूट इंस्टीट्यूट (एलन करियर इंस्टीट्यूट) ने सिर्फ 83 करोड़ रुपये में अपनी झोली में डाला है। दिलचस्प बात यह है कि बायजू ने 11 हजार करोड़ रुपये की कोशिश की थी।
डाउटनट मशीन लर्निंग टेक्नोलॉजी का प्रयोग करता है
डाउटनट को दो विश्वासियों से पढ़े गए लोगों ने बनाया था। कंपनी की संस्थापक तनुश्री नागोरी और आदित्य शंकर ने इसे 2016 में लॉन्च किया था। इस प्लेटफॉर्म पर मैथ्स और साइंस के सवालों के जवाब सिर्फ फोटो की तलाश में मिले थे। इस परीक्षण को मशीन सीखने और फोटो पहचानने की तकनीक के प्रयोग के लिए विशेषज्ञ की काफी सराहना मिली थी। हर महीने डाउटनट का इस्तेमाल 3.2 करोड़ उपभोक्ता करते हैं। इस सुविधा के तहत अब एलन इंस्टीट्यूट अपने कोर्स और ऑफर्स को ग्राहकों तक आसानी से पहुंचा सकता है। एलन के सीईओ पुतिन कुकरेजा ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में समय से प्रभावी उत्तर देना बहुत महत्वपूर्ण है। डाउटनट का मंच हमारे चाहने वालों के लिए बहुत काम आया।
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