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पूर्वसेवार्थ वृत्ति योजना: स्टाफ़ पेंशन योजना, 1995 (ईपीएस-95) के तहत पेंशन पाने वाले श्रमिक कर्मचारियों ने शुक्रवार 12 जनवरी 2024 को स्टाफ़ फ़्यूचर फंड ऑर्गनाइजेशन (ईपीएफ़ओ) के देश भर में 110 लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया है। इन पेंशनभोगी ने ईएफएफओ से वार्षिक पेंशन के साथ कम से कम 7,500 रुपये की मासिक पेंशन देने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया है।
ईपीएस-95 योजना के तहत न्यूनतम मासिक पेंशन 1,000 रुपये है। ईपीएफओ एक सितंबर, 2014 से पेंशन पात्र लाभार्थियों को भुगतान कर रहा है। ईपीएस-95 योजना का ऑपरेशन स्टाफ़ फ्यूचर फंड ऑर्गनाइजेशन (ईपीएफओ) करता है। देश भर में करीब 78 लाख पेंशनभोगी ई-पीएस-95 योजना के कार्यालय में आते हैं।
न्यूनतम मासिक वृद्धि की मांग को लेकर ‘ईपीएस-95 राष्ट्रीय आंदोलन समिति’ के पेंशनभोगियों ने देश भर में 110 ई.पी.एस.ओ विदेश में विरोध प्रदर्शन किया है। उन्होंने न्यूनतम पेंशन वृद्धि के बारे में श्रम मंत्रालय और ईपीएओ के कारखानों के विरोध में केंद्रीय श्रम मंत्री को भी निर्देश दिया है।
आंदोलन समिति के एक बयान के मुताबिक, दिल्ली के भीकाजी कामा प्लेस स्थित ईपीएफओ कार्यालय पर आंदोलन समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक नोबेल और राष्ट्रीय महासचिव गायत्री सिंह राजावत के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया। अशोक ने कहा कि पिछले छह वर्षों से पेंशनभोगी न्यूनतम पेंशन को 7,500 रुपये प्रति माह और पेंशनभोगी को मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं देने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
बयान में आरोप लगाया गया कि श्रम मंत्री इस संबंध में बार-बार पासपोर्ट दे रहे हैं और प्रधानमंत्री भी दो बार पासपोर्ट दे चुके हैं लेकिन अभी तक कोई घोषणा नहीं की गई है। श्रम मंत्री के बार-बार लाइसेंस के बाद भी ईपीएफओ इसे लेकर संजीदा नहीं है।
बयान के मुताबिक, हाल ही में जंतर-मंतर पर श्रम मंत्री की स्कॉलरशिप मीटिंग पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन अब पेंशनभोगियों का सब्र का बंधन टूट रहा है। बयान में कहा गया है कि, पीएम मोदी अपनी विचारधारा को पूरी तरह से लागू करें और मानवता के आधार पर पुरानी पेंशनभोगियों के अधिकारों को तुरंत लागू करें और ऐसा न होने पर 30 जनवरी से फिर से लोकतंत्र की बहाली शुरू हो जाएगी जो मांगें पूरी होने तक जारी रहेंगी।
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