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इस साल अक्टूबर महीने के दौरान नए निगम की संख्या बढ़ने के बाद भी नए शेयरों में कमी आई है। सरकारी आंकड़ों में यह बात सामने आई है.
ईएसआईसी की स्कीम के आंकड़े
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के समेकित आंकड़ों के अनुसार, सितंबर माह की तुलना अक्टूबर में नई प्रयोगशाला के आंकड़ों के अनुसार। आंकड़े हैं कि जहां सितंबर महीने में एम्प्लॉयज स्टेट ब्यूरो (ईएसआईसी) की स्कॉच के नए सब्सक्राइबर की संख्या 18.9 लाख थी, वहीं अक्टूबर में स्कॉच से जुड़े लोगों की संख्या 17.3 लाख रही। इस तरह देखें तो फॉर्मल जॉब क्रिएशन में एक महीने पहले की तुलना में अक्टूबर में अनुमान लाख से ज्यादा की कमी आई है।
इस तरह खुला नया प्रतिष्ठान
औपचारिक जॉब क्रिएशन के मामले में यह गिरावट ऐसे समय में आई है, जब अक्टूबर महीने के दौरान नई कंपनियों की संख्या में ग्रैजुएशन दर्ज की गई है। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के आँकड़ों में अक्टूबर माह के दौरान 23,468 नए संस्थान दर्ज किए गए हैं। एक महीने पहले यानी सितंबर में ऐसे आबादकारों की संख्या 22,544 रही थी.
कम हुई लडकियों की भागीदारी
नए पार्टनर के मामले में युवाओं की भागीदारी अक्टूबर में भी कम हुई है। आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर महीने में ईएसआईसी स्कॉच से जुड़े कुल कर्मचारियों में 25 साल तक की उम्र वाले युवाओं का कम हिस्सा 47.76 फीसदी रहा। सितंबर महीने में कुल वर्कशॉप में ऐसे युवाओं की भागीदारी 47.98 प्रतिशत थी। अक्टूबर में जुड़े 17.3 लाख कर्मचारियों में युवाओं की भागीदारी सिर्फ 8.2 लाख रही।
महिलाओं और ट्रांसजेंडर का हिस्सा
इस महीने के दौरान ईएसआईसी की स्कॉच से जुड़ने वालों में महिलाओं की संख्या 3.3 लाख रही, जबकि इस दौरान 51 ट्रांसजेंडर कर्मचारी भी ईएसआईसी की स्कॉच से जुड़े रहे। मंत्रालय का कहना है कि इन आंकड़ों से समाज के सभी वर्ग तक के फ़ायदेमंदों की सूची का पता चलता है। मंत्रालय ने साथ में जोड़ा है कि जॉब क्रिएशन के ये दस्तावेज प्रोविजनल हैं। इसका मतलब यह हुआ कि बाद में डेटा पर डेटा आना कुछ संभावित है।
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