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सहकारी बैंकों पर आरबीआई की कार्रवाई: रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया सभी बैंकों के कार्यों पर नज़र रखता है। कई बार अनावृत की अनदेखी करने पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया पर कार्रवाई करते हुए तगादा भी तय किया जाता है। हाल ही में सेंट्रल बैंक ने एक बार फिर पांच सहयोगी संस्थाओं पर कार्रवाई करते हुए उन पर लाखों का जुर्माना लगाया है। मनी कंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार जिन बैंकों पर कार्रवाई की गई है, उनमें गुजरात स्थित द कच्छ मार्केंटाइल को-अग्रणी बैंक, महाराष्ट्र के स्टेशनों का द स्ट्रेंथ सेंट्रल को-अध्ययन बैंक, भा विभागबार नागरिक सहयोगी बैंक, प्रोग्रेसिव मार्केंटाइल को-अध्ययन समिति शामिल हैं। बैंक और श्री मोरबी नागरिक सहयोग बैंक शामिल है।
बैंकों पर लगा इतना खर्चा
भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी सहयोगी बैंकों पर लाखों का जुर्माना लगाया है। यह पेनल्टी अलग-अलग रेस्तरां से निकाली गई है। रिजर्व बैंक द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, कच्छ मार्केंटाइल को-आर्मी बैंक पर यह कार्रवाई करते हुए सेंट्रल बैंक ने पूरे 2 लाख रुपये की पेनल्टी लगाई है। बैंक पर यह कार्रवाई एक बैंक से दूसरे बैंक के बीच पैसे पोस्ट की तय सीमा के नियमों को तोड़ने का कारण बनती है।
द स्टैर्निएट सेंट्रल को-ऑस्ट्रेलियाई बैंक पर 2 लाख रुपये का अनुमान लगाया गया है। वहीं श्री मोरबी सिटीजन सोसायटी बैंक और भाबर डिपार्टमेंट सिटीजन सोसायटी बैंक पर आरबीआई ने 50-50 हजार रुपये का आकलन किया है। आरबीआई ने प्रोग्रेसिव मार्केंटाइल को-अलार्मिटी बैंक पर सबसे अधिक जुर्माना लगाया है। इस बैंक पर पूरे 7 लाख रुपए की पेनल्टी लगाई गई है। बैंक पर यह कार्रवाई दो बैंकों के बीच पैसे ट्रांसफर की सीमा के नियमों की अनदेखी का कारण बनी है। आरबीआई ने इस कार्रवाई की जानकारी 22 दिसंबर को दी है।
वॉन्टेड पर क्या असर हुआ
भारतीय रिजर्व बैंक ने इसमें सभी कार्रवाई के बारे में जानकारी दी है जिसमें बताया गया है कि सेंट्रल बैंक का मकसद बैंकों के सामान्य कामकाज में प्रवेश नहीं देना है। ये कार्रवाई अधिवक्ताओं द्वारा अस्वीकृत की गई अनदेखी के कारण बताए गए हैं। इसके साथ ही इस वैलेकविंट का किसी भी तरह का कोई प्रभाव देखने को नहीं मिलता है। कार्रवाई से बैंक के संचालन पर किसी तरह का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है और ग्राहकों के पैसे पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
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